नमस्कार,पाठक मित्रों,पठन-पाठन के साथ ही असल जीवन में गायब होते गाँव से मन व्यथित है। मेरे पहले सरकारी मुकाम हड़माला (ठिकरिया) जैसी बस्ती के बयान को लगातार लिखने के मन से ब्लॉग बनाया है। ये राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के एक गाँव की छोटी सी नई आबादी हैं, जो चित्तौड़ पंचायत समिति के ही अरनियापंथ गाँव के हल्के में पड़ता है। पक्की सड़क नहीं हैं। अछूत की तरह एक तरफ पड़ी हुई एक आबादी, यहाँ मैं कोशिश करूंगा इसे एक हिन्दुस्तानी गाँव के प्रतीक के रूप में बयान करते हुए इसकी व्यथा-कथा कह सकूं। ये एक ज़रिया है जिसमें हम असल मायनों में अप्रत्यक्ष रूप से उन पिछड़े लोगों के जीवन में झांकने का एक प्रयास करेंगे।-माणिक
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